स्कूल के बच्चों के लिए चलाई जाने वाली मिड-डे मील योजना को अब पीएम पोषण के नाम से जाना जाएगा। Poshan (Prime Minister’s Overarching Scheme for Holistic Nutrition) एक व्यापक कार्यक्रम है। अब से मिड डे मील योजना इस कार्यक्रम का हिस्सा होगी। केंद्र सरकार का दावा है कि इस स्कीम के जरिए प्री-प्राइमरी एजुकेशन के तहत सरकारी और ऐडेड स्कूलों के 24 लाख अन्य बच्चों को फायदा मिलेगा। वर्तमान में योजना के तहत कक्षा - 1 से कक्षा - 8 तक के 11.80 करोड़ स्टूडेंट्स को भोजन दिया जाता है। पीएम पोषण शक्ति निर्माण और पीएम पोषण स्कीम के तहत अब 24 लाख अन्य स्टूडेंट्स को भी जोड़ा जाएगा। इसमें आंगनवाड़ी से जुड़े बालवाटिका में पढ़ने वाले बच्चों को भी लाभ दिया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के तहत प्री-प्राइमरी स्कूल एजुकेशन को भी औपचारिक बनाया जाना है।
अब स्कूल जाने वाले बच्चों के पोषण का ध्यान रखने के लिए प्रभावी नीति तैयार की गई है। इसे शुरुआत के पांच साल के लिए लागू किया जाएगा। यह उसी की तरफ एक कदम है। इस कदम से पारदर्शिता भी बढ़ेगी और स्कूलों को सीधा धनराशि मिला करेगी। अभी ब्रेकफास्ट देने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। यह भी कहा गया है कि स्कूलों में खाना बनाने वाले रसोइए और कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोतरी का कोई फैसला नहीं किया गया है। हालांकि राज्य सरकारें मानदेय बढ़ाने के लिए स्वतंत्र हैं।
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