मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
से कैसे लाभान्वित होंगी ? पूरी प्रक्रिया ।
भारत का सामाजिक तानाबाना स्वयं में जटिल और संवेदी है।
सामाजिक, धार्मिक, शैक्षिक और पारिवारिक परिस्थितियां महिलाओं
और बालिकाओं के लिए अनादिकाल से भेदभाव पूर्ण रही है । समाज में प्रचलित कुरीतियां
एवं भेद-भाव जैसे - कन्या भ्रूण हत्या, असमान लिंगानुपात, बाल विवाह एवं बालिकाओं के प्रति
परिवार की नकारात्मक सोच जैसी प्रतिकूलताओं के कारण प्रायः बालिकायें / महिलायें
अपने जीवन, संरक्षण, स्वास्थ एवं
शिक्षा जैसे मौलिक अधिकारों से वंचित रह जाती हैं। इन सामाजिक कुरीतियों को दूर
करने हेतु सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर निरन्तर प्रयास भी किये जा रहे हैं । इस परिवेश
के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के रूप
में नई पहल की जा रही है जो अत्यन्त आवश्यक है ।
कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत राज्य के किसी भी परिवार में बेटी के जन्म से लेकर स्नातक / डिप्लोमा
/डिग्री की पढाई का सारा खर्च
राज्य सरकार द्वारा दिया जायेगा | इस कन्या सुमंगला योजना 2021 के तहत बेटियों को जन्म से लेकर पढाई तक 15000 रूपये की कुल धनराशि सरकार की तरफ से आर्थिक
सहायता के रूप में प्रदान की जाएगी | यह कुल धनराशि बेटियों
को 6 किश्तों में दी जाएगी जिससे कन्याओ को
पढाई करने में कोई आर्थिक समस्या न हो |
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के
क्रियान्वयन के स्तर -
प्रथम श्रेणी |
नवजात बालिकाओं जिनका जन्म 01/04/2019 या उसके पश्चात् हुआ हो,
को रू0 2000 एक मुश्त धनराशि से लाभान्वित
किया जायेगा । |
द्वितीय श्रेणी |
वह बालिकायें सम्मिलित होंगी जिनका एक वर्ष के भीतर
सम्पूर्ण टीकाकरण हो चुका हो तथा उनका जन्म 01/04/2018 से पूर्व न हुआ हो,
को रू0 1000 एक मुश्त धनराशि से लाभान्वित
किया जायेगा। |
तृतीय श्रेणी |
वह बालिकायें सम्मिलित होंगी जिन्होंने चालू
शैक्षणिक सत्र के दौरान प्रथम कक्षा में प्रवेश लिया हो , को रू0 2000 एक मुश्त धनराशि से लाभान्वित किया
जायेगा। |
चतुर्थ श्रेणी |
वह बालिकायें सम्मिलित होंगी जिन्होंने चालू
शैक्षणिक सत्र के दौरान छठी कक्षा में प्रवेश लिया हो , को रू0 2000 एक मुश्त धनराशि से लाभान्वित किया
जायेगा। |
पंचम श्रेणी |
वह बालिकायें सम्मिलित होंगी जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र
के दौरान नवीं कक्षा में प्रवेश लिया हो , को रू0 3000 एक
मुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जायेगा। |
षष्टम् श्रेणी |
वह सभी बालिकायें सम्मिलित होंगी जिन्होंने 10वीं/12वीं कक्षा उत्तीर्ण करके चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान स्नातक-डिग्री या
कम से कम दो वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश लिया हो , को रू0
5000 एक मुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जायेगा। |
मुख्यमंत्री कन्या
सुमंगला योजना की पात्रता की अहर्ताएं –
1. |
लाभार्थी का
परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हो तथा उसके पास स्थायी निवास प्रमाण पत्र हो, जिसमें राशन कार्ड / आधार कार्ड / वोटर पहचान पत्र / विद्युत / टेलीफोन
का बिल मान्य होगा। |
2. |
लाभार्थी की पारिवारिक
वार्षिक आय अधिकतम रु0-3.00 लाख हो। |
3. |
किसी परिवार की अधिकतम दो ही बच्चियों को योजना का लाभ मिल सकेगा। |
4. |
परिवार में
अधिकतम दो बच्चे हों। |
5. |
किसी महिला
को द्वितीय प्रसव से जुड़वा बच्चे होने पर तीसरी संतान के रूप में लड़की को भी
लाभ अनुमन्य होगा। यदि किसी महिला को पहले प्रसव से बालिका है व द्वितीय प्रसव
से दो जुड़वा बालिकायें ही होती हैं तो केवल ऐसी अवस्था में ही तीनों बालिकाओं
को लाभ अनुमन्य होगा। |
6. |
यदि किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद लिया हो, तो परिवार की जैविक संतानों तथा विधिक रूप में गोद ली
गयी संतानों को सम्मिलित करते हुये अधिकतम दो बालिकायें इस योजना की लाभार्थी
होंगी। |
1. पात्र बालिका की नवीनतम फ़ोटो
2. आवेदक (माता / माता के न होने पर पिता / दोनों के न होने पर बालिका के अभिभावक) की बालिका के साथ संयुक्त फ़ोटो (JOINT PHOTO)
3. शपथ पत्र 10₹ के स्टाम्प पेपर पर - तहसील जाकर किसी स्टाम्प विक्रेता से कहें कि कन्या सुमंगला का शपथ पत्र बनवाना है, दुकान
वाला बना देगा । स्टाम्प पेपर आवेदक ( माता , माता के न होने पर पिता, माता - पिता दोनों के न होने पर बालिका के अभिभावक ) के नाम पर लेना है । फिर उस पर नोटरी वकील से नोटरी कराएं ।
*नोट – परिषदीय विद्यालयों में प्र0अ0 / इ0प्र0अ0 कक्षा – 1 अथवा कक्षा
– 6 में प्रवेश का प्रमाणपत्र जारी करेगा ।
6. माता – पिता का आधार कार्ड
7. आवेदक (माता / माता के न होने पर पिता / दोनों के न होने पर बालिका के अभिभावक ) के बैंक खाते की पासबुक
योजना के अंतर्गत देय धनराशि का बैंक खाते में अंतरण - आवेदन के सत्यापन के बाद देय धनराशि ऑनलाइन माध्यम से माता / पिता / अभिभावक के खाते में हस्तांतरित की जायेगी ।
सभी शिक्षकों से अनुरोध है कि हर एक पात्र बालिका को लाभान्वित कराने का प्रयास करें जिससे छात्रों और अभिभावकों का परिषदीय विद्यालयों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हो सके ।
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