महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, उ०प्र०, लखनऊ के पत्रांक-महा०नि० / एम०आई०एस०/15110/2023-2024 दिनांक 22 मार्च 2024 (प्रति संलग्न-1) का अवलोकन करने का कष्ट करें। जो आपको सम्बोधित एवं अधोहस्ताक्षरी को पृष्ठांकित है। इस पत्र के माध्यम से निर्देशित करते हुये अवगत कराया गया है कि कार्यवाही के नाम पर शिक्षकों का वेतन अवरूद्ध किया जाता है जो कि उ०प्र० सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 तथा उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी वर्ग नियमावली 1973 में वेतन अवरूद्ध करना किसी प्रकार के दण्ड के रूप में उल्लिखित नहीं है।
विभागीय उक्त निर्देशों के विपरीत आपके स्तर से अभी भी अनुशासनात्मक कार्यवाही के नाम पर वेतन अवरूद्ध किये जाने के आदेश निर्गत किये जा रहे हैं, जो कि उक्त निर्देशों / नियमों के अन्तर्गत नहीं आते हैं। जिसके कारण ऐसे आदेशों का अनुपालन आहरण - वितरण अधिकारी के कार्यालय स्तर से किया जा पाना सम्भव नहीं हैं।
उक्त के कम में आपको अवगत कराना है कि यदि किन्हीं प्रकरणों में शिक्षक / कर्मचारी के दोषी पाये जाने पाये पर अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाना अपेक्षित हो तो उनके गुण/दोष के अनुपात में लघु एवं बृहद दण्ड निर्धारित करते हुये दण्डादेश पारित किये जायें। कृपया उक्त के सम्बन्ध में सूचित होते हुये नियमानुसार दण्डादेश पारित करने सम्बन्धी आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें।
Q. क्या वेतन अवरुद्ध करना किसी प्रकार का दण्ड है ?
A. नहीं, वेतन अवरुद्ध करना किसी प्रकार का दण्ड नहीं है।
Q. शिक्षकों की सेवा सम्बन्धी नियमावली कौन -2 सी हैं?
A. शिक्षकों की सेवा सम्बन्धी नियमावली उ०प्र० सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 तथा उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी वर्ग नियमावली 1973 हैं।
Q. क्या बी०एस०ए० द्वारा जारी वेतन अवरुद्ध सम्बन्धी आदेश वैध है?
A. नियमावली मे वर्णित व्यवस्था से इतर किसी भी प्रकार से शिक्षक / शिक्षिका का वेतन अवरुद्ध करना वैध नहीं है।
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